अबकी बार भाजपा के अंदाज में वार, राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दे पर कांग्रेसी दिग्गजों ने चलाए तीर

अबकी बार भाजपा के अंदाज में वार, राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दे पर कांग्रेसी दिग्गजों ने चलाए तीर

अबकी बार भाजपा के अंदाज में वार

अबकी बार भाजपा के अंदाज में वार, राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दे पर कांग्रेसी दिग्गजों ने चलाए तीर

देहरादून। कांग्रेस ने विजय सम्मान रैली के जरिये पूर्व सैनिक और सैन्य पृष्ठभूमि के मतदाताओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसके लिए रैली स्थल पर सीडीएस स्व जनरल बिपिन रावत का कटआउट लगाने के साथ ही रैली के आयोजन को लेकर शहर में लगाए गए विभिन्न पोस्टर में भी उन्हें जगह दी गई थी। मंच पर राहुल गांधी पूर्व सैनिकों से आत्मीयता से मिले और उनसे चर्चा करते नजर आए।

कांग्रेस ने विजय दिवस के अवसर पर आयोजित विजय सम्मान रैली का पूरा खाका ही पूर्व सैनिकों को केंद्र में रखकर खींचा। रैली में न केवल 1971 युद्ध के विजेताओं को सम्मानित किया गया, बल्कि उनसे सीधे जुड़ने का भी प्रयास किया गया। राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कई बार उत्तराखंड के सेनानियों के बलिदान का जिक्र किया। उन्होंने अपनी दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी के बलिदान का जिक्र करते हुए खुद को उत्तराखंड से जोड़ा। अपने संबोधन के बाद उन्होंने सम्मानित किए गए पूर्व सैनिकों के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाए।

वहीं, अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी अपने संबोधन के केंद्र में 1971 के युद्ध और प्रदेश के सैनिकों व बलिदानियों को रखा। हाल ही में हेलीकाप्टर दुर्घटना में प्राण गंवाने वाले सीडीएस जनरल बिपिन रावत को भी कांग्रेस ने सम्मान कार्यक्रम के केंद्र में रखा। रैली स्थल पर उनका एक विशाल कटआउट लगाया गया। विशेष यह कि यह कटआउट बगल में लगे राहुल के कटआउट से भी बड़ा था। कांग्रेस के इस कदम को पूर्व सैनिकों की जनरल के प्रति संवेदना को अपने पक्ष में करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

कार्यक्रम को सैन्य परिवेश में रंगने में कांग्रेस ने पूरा प्रयास किया। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को फौजी टोपी, जैकेट और प्रतीक चिह्न भेंट किया गया। उन्हें स्मृति चिह्न के रूप में केदारनाथ धाम की तस्वीर और गंगाजलि भी भेंट की गई।

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली में मौजूद जनता उस समय आश्चर्य में पड़ गई, जब एक चायवाला चाय की केतली व गिलास लेकर मंच पर आ गया। इस चायवाले के हाथों से राहुल गांधी, मंचासीन नेताओं व पूर्व सैनिकों ने चाय पी। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। इसे प्रधानमंत्री पर तंज अथवा आम आदमी से कांग्रेस के शीर्ष नेता के जुड़ाव के रूप में देखा जा रहा है।

राहुल गांधी के आने से पहले व्यवस्थित नजर आ रहा मंच अव्यवस्था में घिरा दिखा। राहुल गांधी के मंच पर पूर्व सैनिकों को सम्मान दिए जाने के दौरान उनके साथ फोटो खिंचवाने और वीडियो में आने के लिए नेताओं में होड़ मची। उनके मंच पर बैठने के दौरान भी वहां चहलकदमी देखी गई।

रैली में पर्वतीय संस्कृति की झलक भी नजर आई। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से रैली में शिरकत करने आए नेता अपने साथ ढोल-दमाऊ और रणसिंघा भी लेकर आए। इनकी धुन से रैली स्थल काफी देर तक गुंजायमान रहा।